लो आ गयी ईद. महीने भर के रोज़े के बाद आ गयी ईद. बच्चों ने भी रोज़ा रखा था.

ईद के चाँद देख बच्चे खुश है. वो बच्चे हैं, शायद इसी लिए खुश है. और हम “बचें” है, शायद इस लिए हम खुश है.

सेवई भी है, शक्कर भी है, पर शायद मिठास कहीं ग़ायब है. इस साल तो कोरोना का ऐसा कहर टूटा है घरों पे के खुशियां बेमानी सी लग रही है.

चाहे वो माँ समान फूफी हो, या मौसी। किसी करीबी मित्र के अम्मी अब्बू हों, या महाविद्यालय के प्राध्यापक हों. इनकी मौत महज एक सरकारी आंकड़ा नहीं है। ये वो हैं जिनके एक साथ जाने से जीवन में एक शून्य पैदा हो गया है. इनके यादों से दूर आप कहीं जाना चाहें भी तो किधर जाएंगे। अपनों से नज़र हटाइये तो नदी में तैरतीं लाशें, शमशान और कब्रिस्तान में लग रही लंबी कतारों को देख, आपका दिल भर आएगा।

इनके अलावा कई करीबी ऐसे भी हैं जो अब भी अस्पतालों में ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहें है. उनकी ईद तो उनका ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष भर ही है. ऐसे में ये सोच मात्र, ही आपको अंदर से झंझोरने के लिए काफी होगा के आप तो ख़ुशी के ठहाके लगा रहें है, और कोई प्राणवायु ऑक्सीज़न के अभाव में, आखरी हिचकी ले रहा है.

ऐसे वक़्त में ये हमारा दीनी(धार्मिक) कर्तव्य भी हो जाता है के हम इस दुर्भाग्यपूर्ण महामारी से प्रभावित और अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति अपना प्यार, सहानुभूति और आत्मीयता का भाव दिखाते हुए बहुत ही सादे तरीके से ईद मनाएं। नए कपड़े पहनना, फैंसी कपड़े पहनना और हमेशा की तरह ईद का जश्न मनाना, मानो उनके दुख और पीड़ा के घावों को कुरेद के रख देगा। यह वह समय है जब हमें दुःखी मानवता के साथ खड़ा होना है।

वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मानक निर्देशों का पालन करते हुए घर में ही ईद मनाएं। अगर हम इस ईद से बाहर नहीं जाते हैं और फोन पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ संपर्क में रहते हैं, तो आकाश नहीं टूट पड़ेगा। इस तरह के कृत्य से ना केवल हम खुद को वायरस से बचाएंगे, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी सांत्वना का एक बड़ा स्रोत होगा जिन्होंने इस महामारी में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

कुछ लोगों को मेरा ये लेख, इलेक्ट्रॉन युक्त एक ऋणात्मक लेख़ लग सकता है, लेकिन एक नकारात्मक लेख, संवेदनहीन, मृतप्राय आत्मा से कहीं बेहतर है.

जहाँ न अपने अज़ीज़ों की दीद होती है
ज़मीन-ए-हिज्र पे भी कोई ईद होती है

आप सबको ईद मुबारक। दुआ है अगली ईद पर हम बगलगीर भी हो और साथ मे सेवइयां भी खाएं। अल्लाह पाक कोरोना महामारी से हमें निजात दिलाये और संक्रमित लोग जल्द से जल्द स्वस्थ हो घर वापस आ जाए.